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Do Kadam Aur Sahi By Rahat Indori (Paperback)

Do Kadam Aur Sahi By Rahat Indori (Paperback)

Regular price Rs. 149.00
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रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है उसकी याद आई है साँसों जरा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है राहत इंदौरी ने उर्दू शायरी को अवाम में मक़बूल बनाया है, वो अदब के रुख-ओ-रफ्तार से वाक़िफ हैं। - अली सरदार जाफ़री राहत इंदौरी के पास लफ़्ज़ों से तस्वीरकशी कर देने का अनोखा हुनर है, मैं उनके इस हुनर का फैन हूँ। - एम. एफ. हुसैन रा से राम है, रा से राहत है, राम वही है जो राहत दे, जो आहत करता है वो रावण होता है। राहत साहब की शायरी में राहत है, मैं उनके अंदाज़ को सलाम करता हूँ। - मुरारी बापू डॉ. राहत इंदौरी के क़लाम में बरजस्तगी, मआनी आफरीनी और दौर-ए-हाज़िर का अक्स है। उनका वजूद उर्दू शेर-ओ-सुखन और उर्दू ज़बान के लिए बड़ा क्रीमती तोहफा है। - दिलीप कुमार राहत इंदौरी के पास अपने युग की सारी कड़वाहटों और दुःखों को खुलकर बयान कर देने की बेपनाह ताक़त है, वो बेजान शब्दों को भी छूते हैं तो उनमें धड़कन पैदा हो जाती है। - प्रो. अज़ीज़ इंदौरी राहत ने जीवन और जगत के विभिन्न पहलुओं पर जो ग़ज़लें कही हैं, वो हिन्दी-उर्दू की शायरी के लिए एक नया दरवाज़ा खोलती हैं। नए रदीफ़, नई बहार, नए मजमून, नया शिल्प उनकी ग़ज़लों में जादू की तरह बिखरा है जो पढ़ने व सुनने वाले सभी के दिलों पर छा जाता है। - गोपालदास नीरज
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